सी.एम.के में संगीत समारोह का आयोजन, बही स्वर लहरियाँ 14.02.2023
सी एम के नेशनल महाविद्यालय में संगीत विभाग द्वारा प्राचार्या डॉ रंजना ग्रोवर की अध्यक्षता में ‘संगीत समारोह‘ का आयोजन किया गया। इस आयोजन में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से प्रदर्शन कला विभाग के पूर्व डीन व अध्यक्ष, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा संगीत गुरू के रूप में व संगीत संकल्प राष्ट्रीय संगठन द्वारा संगीत ऋषि के रूप में सम्मानित प्रो॰ चमनलाल वर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए विद्यार्थियों को संगीत व गायन शैली की बारीकियों से अवगत कराया। समारोह का प्रारम्भ प्राचार्या व उपस्थित अतिथिगणों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन से हुआ। प्राचार्या डाॅ॰ रंजना ग्रोवर ने अतिथिगणों को प्रेम व सम्मान के प्रतीक शाॅल व गुलदस्तों की भेंट के माध्यम से औपचारिक स्वागत करते हुए कहा कि संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित, शास्त्रीय व हल्के संगीत में दूरदर्शन के स्वीकृत कलाकार तथा 40 से अधिक पी.एच.डी. निर्देशित कर चुके संगीत के विद्वान प्रो॰ वर्मा का आगमन महाविद्यालय परिवार के लिए बड़े हर्ष व गौरव का विषय है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रो॰ वर्मा ने अपने संगीत, भावों व रागों की खूबसूरत सरगमों से विद्यार्थियों के ज्ञान संवर्द्धन के लिए अपने व्यस्त क्षणों से कुछ पल संजोकर दिए, ये हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। संगीत के महत्व के बारे में बताते हुए प्राचार्या महोदया ने कहा कि प्रकृति के कण-कण में संगीत समाहित है। मानव के हृदय की धड़कन, पक्षियों का कलरव, बहते हुए झरने सभी में संगीत विद्यमान है। अतः संगीत से अपने जीवन का अटूट रिश्ता कायम करें। प्रो॰ वर्मा ने समारोह का आग़ाज़ ‘‘वंदना के स्वर समर्पित तुम्हें‘‘ सरस्वती वंदना से किया। उन्होंने महाविद्यालय आगमन के लिए प्राचार्या का आभार व्यक्त किया तथा विद्यार्थियों को जीवन में संगीत के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि शास्त्रीय संगीत एक ऐसी परंपरा है जो खुशी व गम की परिस्थितियांे में जीवन के प्रवाह से जु़ड़ने का आलौकिक अनुभव प्रदान करती है। उन्होंने बसंत की बंदिश ‘ऋतु बसंत आया‘ की प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि शोर-शराबा संगीत नहीं है अपितु ताल, लय, सुर, गति, श्रुति व काव्य का अध्ययन मन में उतारना आवश्यक है, तभी एक सर्वश्रेष्ठ रचना निर्मित हो सकती है। विद्यार्थियों में देश-भक्ति का जोश जगाने के लिए उन्होंने ‘मातृ-भूमि तुझको नमन‘ की प्रस्तुति भी दी। उनकी ‘दोस्त क्या खूब वफाओं का सिला देते हैं‘ और ‘ज़िदगी किस मोड़ पर लायी मुझे‘ गज़लों ने माहौल को खुशनुमा कर दिया। प्रो॰ वर्मा की मधुर आवाज़ और संगीत से विद्यार्थियों समेत सभी शिक्षकगण झूम उठे। समारोह में हारमोनियम पर संगीत निर्देशक शिव मलिक तथा तबला वादक हरिवल्लभ सम्मान विजेता श्री शिवंकर सहायक प्रवक्ता लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय ने जुगलवंदी की। समारोह का मंच संचालन श्रीमती अंशु उप्पल ने किया। कार्यक्रम के समापन पर संगीत विभाग के सहायक प्रवक्ता प्रवीण शर्मा ने सभी अतिथिगणों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस संगीत कार्यक्रम में प्रो॰ वर्मा द्वारा प्रवाहित सुर व संगीत की अविरल धारा से विद्यार्थी अवश्य ही लाभांवित होंगे। इस अवसर पर डाॅ॰ दीपक, डाॅ॰ विनोद कुमार (यूटीडी संगीत विभाग) व जे.सी.डी. विद्यापीठ, सिरसा से डाॅ॰ अमित शर्मा भी उपस्थित रहे।